जनसंख्या वृद्धि का कारण और निबंध Essay on causes of Population growth 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख जनसंख्या वृद्धि का कारण पर निबंध में।

दोस्तों इस लेख में आप जनसंख्या वृद्धि के कारण, जनसंख्या किसे कहते हैं? जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय के साथ जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम भी जानेंगे। 

तो दोस्तों आइए शुरू करते हैं आज का यह लेख जनसंख्या वृद्धि का कारण और निबंध:-

जनसंख्या वृद्धि क्या what is population growth 

जनसंख्या एक हिंदी का शब्द है जिसे अंग्रेजी में पॉपुलेशन कहा जाता है, और पॉपुलेशन शब्द लैटिन भाषा का शब्द है

जो पॉपुल्स (प्यूपिल्स ) से बना हुआ है, जिसका अर्थ होता है समान प्रकार के जीवो का एक ऐसा समूह है जो कि एक भौगोलिक क्षेत्र में रहता है,

जो विभिन्न प्रकार के समान गुणों को भी प्रदर्शित करते हैं, जैसे- घनत्व, जन्म दर, मृत्यु दर, आयु वितरण आदि. दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं

कि जनसंख्या किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्रफल में रहने वाले समान जीवो पर निर्भर करती है, अर्थात किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले सामान जीवो की संख्या को ही जनसंख्या कहा जाता है।

जिसका उन जीवो पर तथा प्रकृति पर प्रभाव पड़ता है। अगर निश्चित क्षेत्र में जनसंख्या बढ़ती जाती है तो वहां पर कई प्रकार की समस्याएं जन्म लेती हैं, और वह जनसंख्या उन समस्याओं से प्रभावित होती है।

जनसंख्या वृद्धि का कारण causes of population growth 

मनुष्य की आबादी निरंतर बढ़ती ही जा रही है, और आज एक विशाल रूप ले लिया है और कई प्रकार की मानव जनित और प्राकृतिक समस्याओं को आमंत्रित भी किया है।

यह समस्या ना की किसी एक देश को प्रभावित कर रही हैं, बरन समस्त संसार को प्रभावित कर रही हैं। जो मनुष्य के साथ-साथ समस्त प्रकार के जीव जंतुओं के लिए भी घातक सिद्ध होती हैं। भारत में जनसंख्या वृद्धि के निम्न कारण हैं

कृषि की खोज के कारण मनुष्य अधिक भोजन उत्पन्न करने में समर्थ हो गया है। इसलिए अत्याधिक भोजन के विकास के कारण आबादी क्रमश: बढ़ती गई और आज  जनसंख्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

औद्योगीकरण के परिणाम स्वरूप आज मनुष्य की आबादी बढ़ती चली जा रही है, क्योंकि औद्योगिकरण के द्वारा मनुष्य को सभी प्रकार की सुख सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।

चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति आने के कारण आज कई प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध हो गई है, जो घातक से घातक रोगों में कारगर सिद्ध होती हैं, जिससे मृत्यु दर में कमी आती जा रही है।

जबकि जन्म दर का प्रतिशत मृत्यु दर की उपेक्षा काफी अधिक बढ़ा हुआ है। जो जनसंख्या वृद्धि का कारण है

भारत देश एक ऐसा देश है, जहाँ आज भी रूढ़िवादिता की प्रथा चली आ रही है। इस परंपरा के अनुसार परिवार में लड़का होना बहुत ही आवश्यक होता है।

क्योंकि यह कहा जाता है, कि माता-पिता के मोक्ष प्राप्ति के लिए लड़का होना नितांत आवश्यक है। इस कारण अधिक से अधिक बच्चे लड़के पाने की उम्मीद में पैदा हो जाते हैं, जो जनसंख्या वृद्धि का कारण है।

अंधविश्वास भी जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण हैं। भारत में लोग यह मानते हैं, कि संतान तो भगवान की ही देन है, इसमें हस्तक्षेप करना पाप है और वह अधिक से अधिक बच्चों को जन्म देते हैं। जिससे जनसंख्या बढ़ती जा रही है।

बाल विवाह कम आयु में या शीघ्र विवाह करने पर जनसंख्या बढ़ती जा रही है। कियोकि भारत सहित कई देशों में बाल प्रथा है, जो वर्षों से चली आ रही है।

जिसके अंतर्गत कम समय में ही बच्चों की शादी कर दी जाती है और वह बच्चों को जन्म देते हैं। यह जनसंख्या वृद्धि का प्राचीन कारण रहा है

जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम bad result of population growth 

21 वी शताब्दी में जनसंख्या वृद्धि इतनी तीव्र गति से हो रही है, कि मनुष्यों को प्राकृतिक आवास और स्रोतों की जरूरत कम मात्रा में प्राप्त होने लगी है। जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम निम्न प्रकार से हैं :- 

आवास की कमी - तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या ने आवास की कमी की समस्या उत्पन्न कर दी है और आज खेतों का सफाया और जंगलों काटा जा रहा है, जिससे आवास उपलब्ध किए जा सकें।

भोजन की कमी - जनसंख्या वृद्धि के कारण ही समस्त प्रकार के प्राकृतिक स्रोतों का लगातार दोहन किया जा रहा है, जिससे भोजन की कमी हो रही है।

आवास उपलब्ध कराने के लिए जंगलों को काटा जा रहा है। खेतों में आवास बनाए जा रहे हैं, जिससे फसल उत्पादन कम हो रहा है और भोजन की कमी एक विकराल  समस्या लेती जा रही है।

गरीबी - बढ़ती हुई जनसंख्या ने हमारे देश में एक विशाल गरीबी क्षेत्र स्थापित कर दिया है। यदि हमारे देश ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मिसाल कायम की है। तो गरीबी भी लगातार बढ़ती गई है। 

अगर गरीबी की बात करें तो भारत की आधे से अधिक जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। जिसका मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि हुई है।

बेरोजगारी - आज हमारा देश उन्नति के इतनी शिखर पर है, कि विकासशील देशों के गिनती में आता है और सरकार नई-नई योजनाएँ भी चला रही है।

परंतु जनसंख्या वृद्धि इतनी अधिक है, कि इस बेरोजगारी की समस्या को जड़ से खत्म करना बहुत ही मुश्किल हो गया है और आज देश का एक बहुत बड़ा युवा वर्ग बेरोजगार होकर दर-दर रोजगार की ठोकरें खाता फिरता है।

शिक्षा की कमी - जिन परिवारों में आबादी अधिक होती है, वे परिवार अपने बच्चों को ठीक प्रकार से शिक्षा देने में असमर्थ होते हैं, जिससे वह पढ़ लिख नहीं पाते और गरीबी का जीवन यापन करते हैं।

प्रदूषण - जनसंख्या वृद्धि का एक दुष्प्रभाव प्रदूषण भी है। क्योंकि अधिक जनसंख्या गरीबी को न्योता देती है और गरीबी प्रदूषण की समस्या को बढ़ा देती है, और घातक से घातक बीमारिया उत्पन्न हो रही हैं।

प्रकृति पर प्रभाव - जनसंख्या वृद्धि एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह कई देशों की समस्या है। इसलिए प्रत्येक देश में बढ़ती हुई जनसंख्या का सीधा प्रभाव वहा के वातावरण और प्रकृति के दिए गए प्राकृतिक संसाधनों पर भी पड़ता है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों को लगातार दोहन होता जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों में खाद पदार्थ, पेट्रोलियम, जल आदि नष्ट होने के साथ खत्म होता जा रहा है,

अगर सही तरीके से इन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नहीं किया गया तो निकट भविष्य में यह खत्म हो जाएंगे वहीं दूसरी तरफ परीक्षण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ 

और जीवन पर भी प्रभाव देखने को मिलता है विभिन्न प्रकार के जीवों की प्रजातियां भी जनसंख्या वृद्धि का शिकार होकर समाप्त हो गई हैं। 

जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय Measures to stop population growth

जनसंख्या वृद्धि के रोकने के कई कारगर उपाय बताए गए हैं। किंतु एक ऐसा सीधा और सरल तरीका है। जिसके द्वारा जनसंख्या को

काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और वह है बढ़ती हुई जन्म दर पर रोक लगा देना जन्म दर को निम्न प्रकार नियंत्रित कर सकते हैं:-

शिक्षा - जनसंख्या वृद्धि को रोकने में शिक्षा अधिक कारगर सिद्ध होती है। लोगों को बड़े परिवारों और छोटे परिवारों के बीच होने वाली हानि और लाभ के बारे में अवगत कराकर इस समस्या पर निजात पा सकते हैं।

शादी योग्य उम्र - हमारे भारतवर्ष में जो प्राचीन काल से ही बाल विवाह प्रथा चली आ रही है, उसे पूर्णता खत्म कर देना चाहिए और जो बच्चे और बच्चियों की शादी की उम्र  18 वर्ष और 21 वर्ष  है उसका दृढ़ता से पालन करना चाहिए।

परिवार नियोजन - पुरुषों के द्वारा गर्भनिरोधक नियंत्रण का उपयोग किया जाना चाहिए जैसे कि पुरुष में वेसेक्टोमी तथा महिलाओं में ट्यूबेक्टमी जन्म दर को नियंत्रित करती है।

इसके साथ ही पिल्स का प्रयोग कर सकते हैं जो एस एस एच ओर एल एच के श्रावण को कम करके अंड उत्सर्जन को कम करता है। इसके साथ ही महिलाओं को डायफ्राम और सर्वाइकल टोपी का उपयोग करना चाहिए।

व्यक्तिगत प्रयास - जनसंख्या वृद्धि से प्रति व्यक्ति आय कम होती है, जिससे कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

इसलिए व्यक्तियों को जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार में सभी व्यक्तियों को शिक्षित बनाना चाहिए।

और जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभावों को समझाना चाहिए परिवार नियोजन के लिए प्रेरित करना चाहिए तथा बाल विवाह प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए।

जनसंख्या वृद्धि रोकने के सामाजिक प्रयास - जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए समाज को भी कई प्रकार के प्रयास करना चाहिए। समाज के बहुत से लोग मानते हैं,

कि संतान भगवान भगवान का वरदान होती है। इसलिए उनकी इस विचार को बदलना चाहिए समाज के लोगों को समझाना चाहिए कि समाज में पुत्र की प्राप्ति ही सब कुछ नहीं है।

समाज के लोगों को पुत्र पुत्री दोनों को ही बराबर मानना चाहिए और पुत्र प्राप्ति की कामना नहीं करनी चाहिए इसके साथ ही समाज को अन्य प्रयास करना चाहिए।

कि वह बहु विवाह की प्रथा पर रोक लगाए इस प्रकार से समाज की जनसंख्या वृद्धि को रोकने प्रयास कर सकता है।

जनसंख्या नीति - 16 अप्रैल 1976 को भारत सरकार द्वारा जनसंख्या नीति घोषित की गई थी जिस की प्रमुख विशेषताएं निम्न प्रकार से हैं

1. विवाह आयु निर्धारित - भारत सरकार ने कानून के अंतर्गत लड़कियों के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए विवाह की आयु 21 वर्ष निश्चित की है।

2. इस जनसंख्या नीति के अनुसार नसबंदी एवं गर्भनिरोधक को प्रोत्साहित किया जाना है।

3. लड़कियों की शिक्षा उनका स्वास्थ्य और बाल आहार पर विशेष प्रकार का ध्यान दिया जाना है।

4. परिवार नियोजन के क्षेत्र में जो कार्य करने वाली सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं हैं उनको पुरस्कृत किया जाना और उन्हें अनुदान प्राप्त कराना।

5. राज्य सरकारों को नसबंदी तथा परिवार नियोजन हेतु कानून बनाने की छूट प्रदान करना।

6. ग्रामीण क्षेत्रों में नसबंदी और परिवार कल्याण प्रोग्राम चलाने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना।

7. टीवी रेडियो तथा विभिन्न टेलीकम्युनिकेशन माध्यमों के द्वारा जनसंख्या नीति और जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभावों का प्रचार प्रसार करना।

दोस्तों आपने जनसंख्या का कारण पर निबंध पड़ा आशा करता हूँ यह आपको अच्छा लगा होगा।