सोमवार, 16 अप्रैल 2018

प्रार्थना सभा कार्यक्रम - 1


माँ सरस्वती तेरे चरणों में

माँ सरस्वती तेरे चरणों में हम शीश झुकाने आए हैं।
दर्शन की भिक्षा लेने को दो नयन कटोरे लाए हैं।
अज्ञान अंधेरा दूर करो और ज्ञान का दीप जला देना।
हम ज्ञान की भिक्षा लेने को माँ द्वार तिहारे आए हैं।
माँ सरस्वती तेरे.।
हम अज्ञानी बालक तेरे,अज्ञान दोष को दूर करो।
बहती है सरिता विद्या की , हम उसमें नहाने आए हैं।
माँ सरस्वती तेरे..।
हम साँझ सवेरे गुण गाते माँ , भक्ति की ज्योति जला देना
क्या भेंट करूँ, उपहार नहीं, हम हाथ पसारे आए हैं।
माँ सरस्वती तेरे.।

इतनी शक्ति हमें देना दाता

इतनी शक्ति हमें देना दाता , मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे , हमसे , भूलकर भी कोई भूल हो ना ।।
इतनी शक्ति .।
दूर अज्ञान के हो अंधेरे , तू हमें ज्ञान की रोशनी दे।
हर बुराई से बचके चलें हम , जितनी भी दे भली जिंदगी दे।।
इतनी शक्ति .।
बैर हो ना किसी का किसी से , भावना मन में बदले की हो ना।
अपनी करुणा का रस तू बहा के , कर दे पावन हर एक मन का कोना।।
इतनी शक्ति .।
यें न सोचें हमें क्या मिला है,हम ये सोचे किया क्या है अर्पण।
फूल खुशियों के बाँटे सभी को ,सबका जीवन ही बन जाए मधुवन।।
अपनी करुणा का जल तू बहा के ,कर दे पावन हर एक मन का कोना ।
इतनी शक्ति .।

माँ सरस्वती वरदान दो

माँ सरस्वती वरदान दो , मुझको नवल उत्थान दो ,
माँ शारदे हंसासनी , वागीश्वरी वीणा वादिनी ,
मुझको अगम स्वर ज्ञान दो , माँ सरस्वती वरदान दो।
माँ सरस्वती .।
मन , बुद्धि , हृदय पवित्र हो , मेरा महान चरित्र हो ,
कर दूर सब अज्ञान को , माँ सरस्वती वरदान दो ,
माँ सरस्वती .।
माया मुझे नहीं ढा सके , मन मोह न हमें नहीं पा सके ,
नवगीत नवलय ज्ञान दो , माँ सरस्वती वरदान दो ,
माँ सरस्वती .।
यह विश्व ही परिवार हो , सबके लिए सम प्यार हो ,
आदर्श लक्ष्य महान हो , माँ सरस्वती वरदान दो,
माँ सरस्वती .।

मिलता है सच्चा सुख

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान तुम्हारे चरणों में.
यही विनती है पल पल छिन छिन रहे ध्यान तुम्हारे .
चाहे बेरी कुल संसार बने ,चाहे जीवन मुझ पर भार बने
चाहे मौत गले का हार बने।
रहे ध्यान .
चाहे काँटों पर मुझे चलना है , चाहे आग में मुझको जलना हो
चाहे छोड़ के देश निकलना हो ,
रहे ध्यान .
चाहे संकट ने मुझे घेरा हो , चाहे चारों ओर अंधेरा हो ,
पर मन न डगमग मेरा हो ।
रहे ध्यान .
जिव्हा पर तेरा नाम रहे , तेरी याद सुबह और शाम रहे।
बस काम ये आठों याम रहे ,
रहे ध्यान .