रविवार, 3 जून 2018

Rajasthan में धर्म एवं सम्प्रदाय को याद करने के लिए ये tricks

Short Tricks of Religion and Sect in Rajasthan


नेमिनाथ मंदिर,माउन्ट आबू के निर्माता ?

माउंट आबू स्थित नेमिनाथ मन्दिर को लूणवसहि मन्दिर भी कहा जाता हैं। इस मंदिर का निर्माण 1230 - 31 ई. में चालुक्य राजा वीर धवल के मंत्री वस्तुपाल एवं तेजपाल ने करवाया था। इस मंदिर में जैनों के 22 वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ की श्यामवर्णी प्रतिमा स्थापित हैं। नेमिनाथ मन्दिर का मुख्य शिल्पी शोभन देव था। नेमिनाथ मन्दिर और ऋषभदेव मन्दिर के निर्माताओं के बीच कन्फ्यूजन हो जाता है इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए ये ट्रिक्स हेल्पफुल होगी।
ट्रिक = नोम तेज वोस।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
नोम नेमिनाथ मन्दिर के निर्माता
तेज तेजपाल और
वोस वास्तुपाल


ऋषभदेव मन्दिर,देलवाड़ा (माउन्ट आबू) के निर्माता ?

इस मंदिर का निर्माण 1031 ई. में गुजरात के चालुक्य राजा भीमदेव के मंत्री एवं सेनापति विमलशाह ने शिल्पकार कीर्तिधर के निर्देशन में करवाया था। यह देलवाड़ा , माउंट आबू का प्राथमिक मन्दिर हैं जिसमें भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा स्थापित हैं। इस मंदिर को बनने में 14 वर्ष लगे थे। Tricks द्वारा याद कीजिए ऋषभदेव मन्दिर का निर्माण किसने करवाया।
ट्रिक = ऋषि विमल।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
ऋषि ऋषभदेव मन्दिर के निर्माता
विमल विमलशाह (भीमसिंह का मंत्री)


राजस्थान में जहां पर जैन देव प्रतिमाएं स्थित है ?

यह ट्रिक्स हैं राजस्थान के उन मंदिरों की जिनमें जैन देव प्रतिमाएं स्थापित हैं , कहने का मतलब ये जैन धर्म के मंदिर है। जोधपुर के ओसियां , पाली के रणकपुर तथा नाडौल, बूँदी के केशवरायपाटन , गंगानगर के पल्लू , नागौर के लाडनूं , झालावाड़ के झालरापाटन तथा सिरोही के देलवाड़ा में जैन मंदिर हैं। आसान शॉर्ट ट्रिक्स द्वारा आप आसानी से याद कर पाओगे।
ट्रिक = जैन औरण के पल्ला झाल देना।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
जैन जैन देव प्रतिमाएं स्थित हैं।
ओसियां , जोधपुर
रण रणकपुर , पाली
के केशवरायपाटन , बूँदी
पल् पल्लू , गंगानगर
ला लाडनूं , नागौर
झाल झालरापाटन , झालावाड़
दे देलवाड़ा , सिरोही
ना नाडौल , पाली



राजस्थान में वो जगह जहां एक साथ त्रिदेवों का अंकन है।

राजस्थान में चार जगह या मन्दिर ऐसे भी है जिनमें एक साथ त्रिदेवों का अंकन हैं। लोद्रवा ( जैसलमेर ) , कटारा ( भरतपुर ) , झालरापाटन ( झालावाड़ ) , बांडौली ( चित्तौड़ ) में त्रिदेवों का अंकन हैं। इन सभी मंदिरों को याद करने के लिए आपको सिर्फ ये ट्रिक याद करनी हैं।
ट्रिक = त्रिलोक झाल बादली।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
त्रि त्रिदेव की मूर्तियाँ अंकित है
लो लोद्रवा , जैसलमेर
कटारा , भरतपुर
झाल झालरापाटन,झालावाड़
बादली बांडौली , चित्तौड़

अलखिया संप्रदाय के प्रवर्तक संत एवं प्रमुख स्थल ?

अलखिया सम्प्रदाय का प्रवर्तन 10 वीं सदी के प्रारंभ में लाल गिरी ने किया। स्वामी लाल गिरी का जन्म चुरू जिले में हुआ। इस निर्गुण भक्ति सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ बीकानेर जिले में स्थित हैं। अलखिया सम्प्रदाय का प्रमुख ग्रंथ ' अलख स्तुति प्रकाश ' है। इस सम्प्रदाय के प्रवर्तक संत व प्रमुख पीठ स्थल की Short Tricks .
ट्रिक = अलख लाल बीका।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
अलख अलखिया संप्रदाय
लाल लालगिरी
बीका बीकानेर



निरंजनी संप्रदाय के प्रवर्तक संत एवं प्रमुख स्थल ?

निरंजनी सम्प्रदाय के प्रवर्तन संत हरिदास जी किया। हरिदासजी का जन्म नागौर के डीडवाना के निकट कापड़ोद में हुआ। इस सम्प्रदाय को समन्वयवादी सम्प्रदाय भी कहा जाता है क्योंकि यह पंथ पूर्ण रूप से निर्गुणी है परंतु सगुण नवधा भक्ति तथा प्रेमाभक्ति की छूट है , वर्णाश्रम एवं जाति व्यवस्था , मूर्ति पूजा का खण्डन नही करता। इसकी प्रमुख पीठ गाढ़ा , डीडवाना ( नागौर ) में है। हरिदासजी के उपदेश ' मन्त्र राज प्रकाश ' तथा ' हरिपुरुष जी की वाणी ' में संग्रहित हैं। नीचे ट्रिक्स को विस्तार से बताया गया हैं।
ट्रिक = नीर हरिदास गाडीना।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
नीर निरंजनी संप्रदाय
हरिदास हरिदासजी
गाडीना गाढ़ा,डीडवाना(नागौर)


रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक संत एवम् प्रमुख पीठ स्थल ?

रामस्नेही सम्प्रदाय में निर्गुण भक्ति तथा सगुण भक्ति की रामधुनी एवं भजन कीर्तन की परम्परा के समन्वय से निर्गुण निराकार परब्रह्म राम की उपासना की जाती है। इस सम्प्रदाय का राम दशरथ पुत्र न होकर कण कण में व्याप्त निर्गुण निराकार परब्रह्म है। इस सम्प्रदाय के संतों ने जातिगत भेदभाव का विरोध , गुरु की महिमा , राम नाम स्मरण एवं सत्संगति पर बल दिया। रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ शाहपुरा , भीलवाड़ा है जिसके प्रवर्तक संत रामचरणजी है। रामचरणजी के बचपन का नाम रामकिशन था। ट्रिक द्वारा याद कीजिए रामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक संत एवं प्रमुख पीठ स्थल को।
ट्रिक = राम चरण शाह भील।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
राम रामस्नेही सम्प्रदाय
चरण रामचरणजी (प्रवर्तक)
शाह भील शाहपुरा,भीलवाड़ा (पीठ स्थल)



खेड़ापा शाखा (रामस्नेही संप्रदाय) के प्रवर्तक संत एवं प्रमुख स्थल ?

रामस्नेही सम्प्रदाय की राजस्थान में चार पीठें है। रामस्नेही सम्प्रदाय की खेड़ापा शाखा का प्रवर्तन संत रामदास जी ने किया। रामदास जी का जन्म जोधपुर के भीकमकोर गाँव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री शार्दूल एवं माता का नाम श्रीमती अणमी था। इन्होंने हरिरामदासजी जी दीक्षा लेकर खेड़ापा शाखा की स्थापना की। रामदासजी ने सम्प्रदाय के उपदेशों का लोगों में प्रचार किया तथा गुरु की सेवा एवं सत्संग पर बल दिया। आसान gk tricks नीचे विस्तार से बताई गई हैं।
ट्रिक = खेड़ जो राम।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
खेड़ खेड़ापा खेड़ापा शाखा के प्रवर्तक व स्थल
जो जोधपुर
राम रामदास जी


सिंहथल शाखा (रामस्नेही संप्रदाय) के प्रवर्तक संत एवं प्रमुख स्थल ?

रामस्नेही सम्प्रदाय की सिंहथल शाखा का प्रवर्तन संत हरिरामदासजी ने किया। सिंहथल शाखा की प्रधान पीठ बीकानेर जिले के सिंहथल में है। इसमें गुरु सेवा , निर्गुण ब्रह्म की भक्ति , राम नाम का स्मरण पर बल दिया। सिंहथल में ही हरिरामदासजी का जन्म हुआ और मृत्यु भी हुई। इनके पिता का नाम भागचंद जोशी था। इन्होंने संत जैमलदास जी से दीक्षा ली। ' निसानी ' इनके द्वारा रचित प्रमुख कृति है , जिसमें प्राणायाम , समाधि एवं योग का उल्लेख हैं।
ट्रिक = सिंहराम बिका।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण

सिं
सिंहथल शाखा के संत व स्थल
हराम
हरिरामदास
बिका
बीकानेर


रामस्नेही संप्रदाय की रैण शाखा के प्रवर्तक संत एवम् प्रमुख स्थल ?

संत दरियाव जी द्वारा प्रवर्तित रामस्नेही सम्प्रदाय की रैण शाखा को दरिया पंथ भी कहा जाता हैं। प्रमुख पीठ रैण , मेड़ता ( नागौर ) में स्थित है। दरियावजी का जन्म जैतारण , पाली में हुआ। पिता का नाम मानजी धुनिया तथा माता का नाम गीगण था। दरियावजी ने बालकनाथ जिन्हें प्रेमनाथ भी कहा जाता हैं , से दीक्षा ली। इन्होंने ईश्वर का स्मरण एवं योग मार्ग का उपदेश दिया।
ट्रिक = रैण दर्रा में नाग।
ट्रिक शब्द ट्रिक विवरण
रैण रैण शाखा के प्रवर्तक एवं स्थल
दर्रा दरियावजी महाराज
में नाग मेड़ता,नागौर