Rajasthan Fairs Tricks
गौ रक्षक देवता के रूप में प्रसिद्ध पाबूजी का जन्म जोधपुर के निकट कोलूमण्ड , फलौदी में राठौड़ वंश में हुआ था। इनके पिता का नाम धांधल तथा माता का नाम कमलादे था। पाबूजी राठौड़ वंश के मूल पुरुष राव सीहा के वंशज माने जाते है। पाबूजी का विवाह अमरकोट के राजा सूरजमल सोढा की पुत्री सुप्यारदे से हुआ था। देवल चारणी की गायें अपने बहनोई जीन्दराव खींची से छुड़ाते हुए देचूँ। गाँव में वीरगति को प्राप्त हुए। मारवाड़ के पाँच लोकदेवताओं में पाबूजी भी आते हैं। मारवाड़ में सर्वप्रथम ऊँट लाने का श्रेय पाबूजी को ही है।
ट्रिक = पाबू को फलो है ,चेत अम्मा। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
पाबू | पाबूजी का थान व मेला |
को | कोलूमण्ड |
फलो | फलौदी,जोधपुर |
है | ×××× |
चेत अम्मा | चैत्र अमावस्या को |
गोगाजी का प्रसिद्ध थान व मेला भरता है ?
जाहरपीर के नाम से लोकप्रिय गोगाजी चौहान का जन्म चुरू जिले के ददेरवा नामक स्थान पर जेवरसिंह के घर हुआ। इनकी माता का नाम बाछल था। ददेरवा में गोगाजी के जन्म स्थान को शीर्षमेडी कहा जाता है जहां प्रति वर्ष मेला भरता है। ये गायों की रक्षा हेतु महमूद गजनवी से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। राजस्थान में वर्षा के बाद हल जोतते समय किसान गोगाजी के नाम की गोगा राखड़ी हल और हाली दोनों के बांधते हैं। गोगाजी का थान खेजड़ी वृक्ष के नीचे होता है। इनके समाधि स्थल गोगा मेड़ी , हनुमानगढ़ को धुरमेड़ी भी कहा जाता है।
ट्रिक = गोगा में है भानू। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
गोगा में | गोगामेड़ी |
है | हनुमानगढ़ |
भानू | भाद्रपद नवमी को |
तेजाजी का प्रसिद्ध थान व मेला भरता हैं ?
तेजाजी ने लाछा गुजरी की गायें मेरों से छुड़ाने हेतु अपने प्राणोत्सर्ग किये। ये खड़नाल , नागौर के नागवंशीय जाट थे। तेजाजी के मुख्य थान अजमेर जिले के सुरसुरा , ब्यावर , सेंदरिया एवं भावतां में हैं। तेजाजी के थान पर सर्प एवं कुत्तों से काटे प्राणियों का इलाज होता है। परबतसर , नागौर में भाद्रपद शुक्ल दशमी को विशाल मेला भरता है। इनके भोपे जो सर्पदंश का इलाज करते है ' घोड़ला ' कहलाते हैं। तेजाजी की घोड़ी का नाम लीलण था।
ट्रिक = तेज पर 10 भाई। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
तेज | तेजाजी का थान व मेला |
पर | परबतसर,नागौर |
10 भाई | दशमी,भाद्रपद को |
देवनारायणजी का प्रसिद्ध थान व मेल भरता हैं ?
पिता बगड़ावत सवाईभोज और माता साढू के पुत्र देवनारायनणजी का जन्म 1300 में हुआ। इनका विवाह धार नरेश जयसिंह की पुत्री पीपलदे से हुआ। था। लीलागर देवजी के घोड़े का नाम था। ब्यावर के देवमाली में इन्होंने देह त्यागी। देवजी को गुर्जर जाति के लोग विष्णु का अवतार मानते हैं। गुर्जर भोपों द्वारा देवनारायणजी की पड़ बाँची जाती है। देवजी का मूल देवरा आसींद , भीलवाड़ा से 14 मील दूर गोठां दडावत में है। इनके देवरों में इनकी मूर्ति के स्थान पर बड़ी ईंटों की पूजा की जाती है।
ट्रिक = देव आ 6/7भाई। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
देव | देवनारायणजी का थान व मेला |
आ | आसींद,भीलवाड़ा |
6/7 भाई | छठ व सप्तमी,भाद्रपद को |
कल्प वृक्ष मेला। (kalp vriksh mela)
Tricks है - कल्प आज मंगल सा हरि। short gk tricks जो याद होने के बाद भूलेंगे नहीं। कल्पवृक्ष मेला सावन महीने की हरियाली अमावस्या को अजमेर जिले के मांगलियावास में भरता हैं। नीचे ट्रिक को विस्तार सहित बताया गया हैं।
ट्रिक = कल्प आज मंगल सा हरि। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
कल्प | कल्प वृक्ष मेला |
आज मंगल | अजमेर के मांगलियावास में |
सा हरी | सावन मास की हरियाली अमावस्या को |
पुष्कर मेला (pushkar fair)
पुष्कर तीर्थ को तीर्थों का मामा कहा जाता है। अजमेर जिले में स्थित ये तीर्थ राजस्थान का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थ माना जाता हैं। पुष्कर में कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक विशाल मेला भरता हैं जिसमें राज्य , देश से ही नहीं अपितु विदेशी पर्यटन भी भारी संख्या में हिस्सा लेते हैं।
ट्रिक = पुष आज का एक दश पूरा। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
पुष | पुष्कर मेला |
आज | अजमेर में स्थित है |
का | कार्तिक माह की |
एक दश पूरा | एकादशी से पूर्णिमा तक |
बीकानेर जिले में भरने वाले प्रमुख मेले ?
इस ट्रिक्स द्वारा आप बीकानेर जिले में भरने वाले प्रमुख मेलों को आसानी से याद कर सकोगे। ट्रिक्स सरल और आसान होने के साथ सिर्फ एक बार पढ़ने से ही याद हो जाएगी। कपिलमुनि का मेला , ऊँट महोत्सव और करणीमाता के मेले प्रमुख है जो बीकानेर जिले में भरते हैं।
ट्रिक = बीको कपिल , ऊँट दे करण । | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
बी | बीकानेर के मेले |
को कपिल | कोलायत,कपिलमुनि का मेला |
ऊँट | ऊँट महोत्सव |
दे करण | देशनोक,करणीमाता का मेला |