बुधवार, 18 अप्रैल 2018

देशभक्ति गीत भाग( Patriotism songs ) - 3

Patriotism songs part - 3

चन्दन है इस देश की माटी

चन्दन है इस देश की माटी , तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा - बच्चा राम है।

हर शरीर मन्दिर से पावन , हर मानव उपकारी है।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने , गाय जहाँ माँ प्यारी है।
जहां सवेरा शंख बजाता , लोरी गाती शाम है।।1।।
हर बाला देवी.।

जहां कर्म से भाग्य बदलते , श्रम निष्ठा कल्याणी है।
त्याग और तप की गाथाएँ , गाती कवि की वाणी है।
ज्ञान यहां का गंगा जल सा,निर्मल है,अविराम है।।2।।
हर बाला देवी.।

जिसके सैनिक समर भूमि में , गाया करते गीता हैं।
जहां खेत में हल के नीचे , खेला करती सीता हैं।
जीवन का आदर्श यहाँ पर , परमेश्वर का धाम है।।3।।
हर बाला देवी.।


हिन्द देश के निवासी

हिन्द देश के निवासी , सभी जन एक हैं।
रंग - रूप , वेश - भूषा , चाहे अनेक हैं।2

बेला , गुलाब , जूही , चम्पा , चमेली।
प्यारे - प्यारे फूल गूँथे , माला में एक है।
हिन्द देश .।

कोयल की कूक न्यारी , पपीहे की टेर प्यारी।
गा रही तराना बुलबुल , राग मगर एक है।
हिन्द देश .।

गंगा , यमुना , ब्रह्मपुत्र , कृष्णा , कावेरी।
जाके मिल गई सागर में , हुई सब एक हैं।2

हिन्द देश के निवासी , सभी जन एक हैं।
रंग - रूप , वेश - भूषा , चाहे अनेक हैं।

किसी के काम जो आए
किसी के काम जो आए , उसे इंसान कहते हैं।
पराया दर्द अपनाए , उसे इंसान कहते हैं।।

कभी धनवान है कितना , कभी इंसान निर्भर है।
कभी दुख है कभी सुख है , इसी का नाम जीवन है।
जो मुश्किल से न घबराए , उसे इंसान कहते हैं।।
पराया दर्द.।।

ये दुनिया एक उलझन है , कहीं धोखा , कहीं ठोकर।
कोई हँस-हँस  के जीता है , कोई जीता है रो-रोकर।
जो गिरकर फिर सम्भल जाए , उसे इंसान कहते हैं।।
पराया दर्द .।।

अगर गलती रुलाती है , तो राहें भी दिखाती है।
मनुज गलती का पुतला है, जो अक्सर हो ही जाती है।
जो करले ठीक गलती को ,उसे इंसान कहते हैं।।
पराया दर्द.।।

यों भरने को तो दुनिया मे पशु भी पेट भरते हैं।
लिए इंसान का दिल जो , वे ही परमार्थ करते हैं।
मनुज जो बाँट कर खाए , उसे इंसान कहते हैं।।
पराया दर्द.।।

किसी के काम जो आए , उसे इंसान कहते हैं।
पराया दर्द अपनाए , उसे इंसान कहते हैं।।


अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए 

अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए ,
जिसमें हर इंसान को इंसां बनाया जाए।
अब तो मजहब .।

आग बहती है यहाँ गंगा में भी , झेलम में भी ,
कोई बतलाए कहाँ जाकर नहाया जाए।
जिसमें हर .।

जिसकी खुशबू से महक उठे पड़ौसी का भी घर ,
फूल ऐसा अपनी बगिया में उगाया जाए।
जिसमें हर .।

प्यार का खून क्यों हुआ है ये समझने के लिए ,
हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए।
जिसमें हर .।

तेरे दुख और दर्द का मुझ पर भी हो ऐसा असर ,
तू रहे भूखा तो मुझसे भी ना खाया जाए।
जिसमें हर .।

हम चाहे दो लेकिन दिल तो अपने एक हैं ,
तेरा आँसू मेरी पलकों से उठाया जाए।
जिसमें हर .।